Gayatri Mantra Harmony(Hindi Commentry)

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Lyrics

ओ३म्
 ओ३म्
 ओ३म्
 ॐ भूर् भुवः स्वः
 तत् सवितुर्वरेण्यं
 भर्गो देवस्य धीमहि
 धियो यो नः प्रचोदयात्
 ओ३म्
 हे ब्रह्मांड के रचयिता
 हम तुम्हारी असीम कृपा के प्रार्थी हैं
 तुम्हारी अनंत ऊर्जा हमें स्वास्थ्य दे, बुद्धि दे तथा सुख का पथ प्रदर्शित करे
 सारांश स्वरूप, गायात्री महामंत्र किसी देवी-देवता नहीं
 अपितु उस ऊर्जा को आह्वान है जिससे जीवन सँभव होता है
 इसीलिए गायत्री धर्मों की संकीर्ण सीमाओं से परे है
 ॐ भूर् भुवः स्वः
 तत् सवितुर्वरेण्यं
 भर्गो देवस्य धीमहि
 धियो यो नः प्रचोदयात्
 ओ३म्
 ♪
 ॐ भूर् भुवः स्वः
 तत् सवितुर्वरेण्यं
 भर्गो देवस्य धीमहि
 धियो यो नः प्रचोदयात्
 ओ३म्
 ब्रह्मांड के रचयिता स्वयं ब्रह्मा जी की रचना है गायत्री महामंत्र
 सब मंत्रों का मूलमंत्र, सर्व वेदों का सार
 परंतु दैनंदिन जीवन के स्तर पर गायत्री का सस्वर पठन
 मंत्रोच्चार करने वाले व्यक्ति में ऊर्जा का संचार करता है
 एक प्रकार से विषाद, ग्लानी एवं तनाव की स्वर औषधि
 ॐ भूर् भुवः स्वः
 तत् सवितुर्वरेण्यं
 भर्गो देवस्य धीमहि
 धियो यो नः प्रचोदयात्
 ओ३म्
 ॐ भूर् भुवः स्वः
 तत् सवितुर्वरेण्यं
 भर्गो देवस्य धीमहि
 धियो यो नः प्रचोदयात्
 ओ३म्
 गायत्री मंत्र का एक-एक अक्षर, एक-एक वर्ण
 हमारे शरीर के चक्रों को, ऊर्जा केन्द्रों को प्रभावित करता है
 इसीलिए इसके पठन में सही उच्चारण तथा स्वर नियंत्रण महत्वपूर्ण है
 ॐ भूर् भुवः स्वः
 तत् सवितुर्वरेण्यं
 भर्गो देवस्य धीमहि
 धियो यो नः प्रचोदयात्
 ओ३म्
 ♪
 ॐ भूर् भुवः स्वः
 तत् सवितुर्वरेण्यं
 भर्गो देवस्य धीमहि
 धियो यो नः प्रचोदयात्
 ओ३म्
 ♪
 ॐ भूर् भुवः स्वः
 तत् सवितुर्वरेण्यं
 भर्गो देवस्य धीमहि
 धियो यो नः प्रचोदयात्
 ओ३म्
 ॐ भूर् भुवः स्वः
 तत् सवितुर्वरेण्यं
 भर्गो देवस्य धीमहि
 धियो यो नः प्रचोदयात्
 ओ३म्
 ॐ भूर् भुवः स्वः
 तत् सवितुर्वरेण्यं
 भर्गो देवस्य धीमहि
 धियो यो नः प्रचोदयात्
 ओ३म्
 ♪
 ओ३म्
 ओ३म्
 

Audio Features

Song Details

Duration
09:08
Key
8
Tempo
142 BPM

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