Parchhayee

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Lyrics

परछाई रौशनी में घुल गई है
 बीती शाम दूर कहीं से लौट आई है
 बादलों के परदों में ढूँढ़े
 चाँदनी के खोये से लम्हे
 चादरों पर लेटे हुए हैं
 सुनते परिंदों के गीत
 नींद और ख्वाबों के बीच
 हूँ जो मैं तेरे क़रीब
 गहराई ज़ुल्फ़ों की छा गई है
 बर्फीली बूँदों में लिपटी परछाई है
 बादलों के परदों में ढूँढ़े
 चाँदनी के खोये से लम्हे
 चादरों पर लेटे हुए हैं
 सुनते परिंदों के गीत
 नींद और ख्वाबों के बीच
 हूँ जो मैं तेरे क़रीब

Audio Features

Song Details

Duration
03:23
Key
7
Tempo
156 BPM

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