Gumsum
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Lyrics
तू गुमसुम है, मैं भी परेशाँ हूँ तू गुमसुम है, मैं भी परेशाँ हूँ दिल की ये ख़्वाहिशें यही तू हो जहाँ, मैं भी वहीं पर तू वहाँ है, मैं यहाँ हूँ तो कैसे मिटें ये दूरियाँ? ♪ कटती ना रातें, ये मुश्किल घड़ी है बिस्तर पे नींदें अकेली पड़ी हैं साँसों की है ये इल्तिजा हो पास तू हर मर्तबा तू ना तो जैसे सज़ा, तू ही तो मेरी रज़ा अब कैसे मिटें ये दूरियाँ? ♪ तू गुमसुम है, मैं भी परेशाँ हूँ तू गुमसुम है, मैं भी परेशाँ हूँ तू गुमसुम है, मैं भी परेशाँ हूँ दिल की ये ख़्वाहिशें यही तू हो जहाँ, मैं भी वहीं पर तू वहाँ है, मैं यहाँ हूँ तो कैसे मिटें ये दूरियाँ? ♪ कटती ना रातें, ये मुश्किल घड़ी है बिस्तर पे नींदें अकेली पड़ी हैं साँसों की है ये इल्तिजा हो पास तू हर मर्तबा तू ना तो जैसे सज़ा, तू ही तो मेरी रज़ा अब कैसे मिटें ये दूरियाँ? ♪ तू गुमसुम है, मैं भी परेशाँ हूँ
Audio Features
Song Details
- Duration
- 02:55
- Key
- 10
- Tempo
- 116 BPM