Noor-Kasauli

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Lyrics

फिरता मुसाफ़िर बन के
 दिल का क्या क़ुसूर
 चढ़ा है कसौली की जो
 हवा का फ़ितूर
 नूर... इन आसमानों का नूर
 ख़ामोश राहों का नूर
 जैसे तेरी आँखों का नूर
 नूर... इन सर्द शामों का नूर
 ऊँचे पहाड़ों का नूर
 जैसे तेरी आँखों का नूर
 बादल देखूँ तारा देखूँ
 बन के मैं बंजारा देखूँ
 मुड़-मुड़ के दोबारा देखूँ
 दिल ना भरे
 सारी दुनिया मोड़ लाऊँ
 सारे नाते तोड़ पाऊँ
 यहाँ खुद को छोड़ जाऊँ
 दिल है कहे
 फिरता मुसाफ़िर बन के
 दिल का क्या क़ुसूर
 चढ़ा है कसौली की जो
 हवा का फ़ितूर
 नूर... इन आसमानों का नूर
 ख़ामोश राहों का नूर
 जैसे तेरी आँखों का नूर
 नूर... इन सर्द शामों का नूर
 ऊँचे पहाड़ों का नूर
 जैसे तेरी आँखों का नूर
 
 फिरता मुसाफ़िर बन के
 दिल का क्या क़ुसूर
 चढ़ा है कसौली की जो
 हवा का फ़ितूर
 नूर... इन आसमानों का नूर
 ख़ामोश राहों का नूर
 जैसे तेरी आँखों का नूर
 नूर... इन सर्द शामों का नूर
 ऊँचे पहाड़ों का नूर
 जैसे तेरी आँखों का नूर
 बादल देखूँ तारा देखूँ
 बन के मैं बंजारा देखूँ
 मुड़-मुड़ के दोबारा देखूँ
 दिल ना भरे
 सारी दुनिया मोड़ लाऊँ
 सारे नाते तोड़ पाऊँ
 यहाँ खुद को छोड़ जाऊँ
 दिल है कहे
 फिरता मुसाफ़िर बन के
 दिल का क्या क़ुसूर
 चढ़ा है कसौली की जो
 हवा का फ़ितूर
 नूर... इन आसमानों का नूर
 ख़ामोश राहों का नूर
 जैसे तेरी आँखों का नूर
 नूर... इन सर्द शामों का नूर
 ऊँचे पहाड़ों का नूर
 जैसे तेरी आँखों का नूर
 
 फिरता मुसाफ़िर बन के
 दिल का क्या क़ुसूर
 चढ़ा है कसौली की जो
 हवा का फ़ितूर
 नूर... इन आसमानों का नूर
 ख़ामोश राहों का नूर
 जैसे तेरी आँखों का नूर
 नूर... इन सर्द शामों का नूर
 ऊँचे पहाड़ों का नूर
 जैसे तेरी आँखों का नूर
 बादल देखूँ तारा देखूँ
 बन के मैं बंजारा देखूँ
 मुड़-मुड़ के दोबारा देखूँ
 दिल ना भरे
 सारी दुनिया मोड़ लाऊँ
 सारे नाते तोड़ पाऊँ
 यहाँ खुद को छोड़ जाऊँ
 दिल है कहे
 फिरता मुसाफ़िर बन के
 दिल का क्या क़ुसूर
 चढ़ा है कसौली की जो
 हवा का फ़ितूर
 नूर... इन आसमानों का नूर
 ख़ामोश राहों का नूर
 जैसे तेरी आँखों का नूर
 नूर... इन सर्द शामों का नूर
 ऊँचे पहाड़ों का नूर
 जैसे तेरी आँखों का नूर
 

Audio Features

Song Details

Duration
02:05
Key
6
Tempo
86 BPM

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