Fanaah

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Lyrics

ये कैसी आरज़ू है? ये कैसी जुस्तजू?
 कब से मैं पाना चाहूँ बस कुछ पल का सुकूँ
 ये कैसी आरज़ू है? ये कैसी जुस्तजू?
 कब से मैं पाना चाहूँ बस कुछ पल का सुकूँ
 जब से मिला हूँ तुझसे, हुईं बेक़रारियाँ
 है ये कैसा नशा तू ही बता
 तुझ पे फ़ना ये दिल, ये कह रहा है दिल
 तू ही मेरी राह, मेरी मंज़िल
 कैसे करूँ बयाँ ये हाल-ए-दिल मेरा?
 सिफ़र सी ज़िंदगी को मक़्सद मिला
 हूँ तुझ पे फ़ना
 ♪
 सब कुछ वही, फिर भी लगे हसीं
 बेख़याली मुझमें रहने लगी
 बदली हर अदा, जाने ये क्या हुआ
 कैसे कहूँ बता, ऐ खुदा (ऐ खुदा)
 तुझ पे फ़ना ये दिल, ये कह रहा है दिल
 तू ही मेरी राह, मेरी मंज़िल
 कैसे करूँ बयाँ ये हाल-ए-दिल मेरा?
 सिफ़र सी ज़िंदगी को मक़्सद मिला
 हूँ तुझ पे फ़ना
 ♪
 तुझ पे फ़ना ये दिल, ये कह रहा है दिल
 तू ही मेरी राह, मेरी मंज़िल
 कैसे करूँ बयाँ ये हाल-ए-दिल मेरा?
 सिफ़र सी ज़िंदगी को मक़्सद मिला
 हूँ तुझ पे फ़ना
 

Audio Features

Song Details

Duration
04:03
Key
3
Tempo
135 BPM

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