Jugnoo

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Lyrics

सँभल के चले थे हम किनारों पे
 "सँभलना नहीं," कहती थी निगाहों से
 मुश्किल से मैं लहरों से छुपा हूँ कहीं
 पर उसका जहाँ लहरों में छुपा है कहीं
 नई किताबों की ख़ुशबूओं की तरह
 तू मुझको बहका दे
 तेरी वजह से तो सीखा हूँ जीना
 तेरी तरह बनना चाहूँ मैं
 उड़ चली वो जुगनुओं की तरह
 बन के राहों में रोशनी की वजह
 उड़ चली वो जुगनुओं की तरह
 छू के आसमाँ, बादलों के दरमियाँ
 ♪
 इस शोर से घर तेरा कहीं दूर है
 जहाँ हो बसेरा तेरा वहीं नूर है
 कहानी तेरी लिखी है आसमानों में
 तेरे संग चल दूँ तेरे जहानों में
 उड़ी पतंग जैसी, होली के रंग जैसी
 ख़ुशियाँ हैं तेरे आँगन में
 तेरी वजह से तो ख़ुद को जाना
 तेरी तरह बनना चाहूँ मैं
 उड़ चली वो जुगनुओं की तरह
 बन के राहों में रोशनी की वजह
 उड़ चली वो जुगनुओं की तरह
 छू के आसमाँ, बादलों के दरमियाँ
 
 सँभल के चले थे हम किनारों पे
 "सँभलना नहीं," कहती थी निगाहों से
 मुश्किल से मैं लहरों से छुपा हूँ कहीं
 पर उसका जहाँ लहरों में छुपा है कहीं
 नई किताबों की ख़ुशबूओं की तरह
 तू मुझको बहका दे
 तेरी वजह से तो सीखा हूँ जीना
 तेरी तरह बनना चाहूँ मैं
 उड़ चली वो जुगनुओं की तरह
 बन के राहों में रोशनी की वजह
 उड़ चली वो जुगनुओं की तरह
 छू के आसमाँ, बादलों के दरमियाँ
 ♪
 इस शोर से घर तेरा कहीं दूर है
 जहाँ हो बसेरा तेरा वहीं नूर है
 कहानी तेरी लिखी है आसमानों में
 तेरे संग चल दूँ तेरे जहानों में
 उड़ी पतंग जैसी, होली के रंग जैसी
 ख़ुशियाँ हैं तेरे आँगन में
 तेरी वजह से तो ख़ुद को जाना
 तेरी तरह बनना चाहूँ मैं
 उड़ चली वो जुगनुओं की तरह
 बन के राहों में रोशनी की वजह
 उड़ चली वो जुगनुओं की तरह
 छू के आसमाँ, बादलों के दरमियाँ
 

Audio Features

Song Details

Duration
03:50
Key
8
Tempo
115 BPM

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