Saajna Re

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Lyrics

रात तारों की है
 मोती सब सीप के
 चाँद की जिस तरह चाँदनी
 तेरी बन के जियूँ
 तेरी हो के मरूँ
 मैं भी बस इसलिए हूँ बनी
 हो, ओ, हो, हो
 साजना रे, साजना रे, प्यार से देख तो तू कभी
 तू है सागर वही जिसकी मैं हूँ नदी
 अंत मेरा लिखा तुझमें ही
 साजना रे, साजना रे, साजना रे
 ♪
 रेत सूखी, मैं सईयाँ, तू सावन
 तू जो मैली करे होंगी पावन
 तुझको पा लूँ तो गंगा बनी मैं बहूँ
 बिन तेरे मैं अधूरी-अधूरी
 तू जो अपना ले हो जाऊँ पूरी
 ग़म नहीं, फिर रहूँ या ना रहूँ
 ख़ाख़ बन के पिया उड़ती, बिछती फिरूँ
 तू गुज़रता है जिस-जिस गली
 मैं तो भूखी पिया इक तेरी दीद की
 तुझको ना हो क़दर ना सही
 साजना रे, साजना रे, प्यार से देख तो तू कभी
 तू है सागर वही जिसकी मैं हूँ नदी
 अंत मेरा लिखा तुझमें ही
 साजना रे, साजना रे, साजना रे
 साजना रे, साजना रे, साजना रे
 साजना, साजना, साजना रे
 

Audio Features

Song Details

Duration
03:57
Key
7
Tempo
80 BPM

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