Jeevan Ko Kya Naam Dun
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Lyrics
चाँद पे छाई काली बदली रात की स्याही पिघले-पिघले समय की सुइयाँ मछली-मछली हर रोज़ फ़िज़ाएँ बदले-बदले इस वजूद की परिभाषा भी पल में गहरी, पल में उथली जीवन को क्या नाम दूँ बोलो? साँसें गईं और साँसें निकली ♪ बाहर बारिश, भीतर बिजली बातें कर दो अगली-पिछली जीवन को क्या नाम दूँ बोलो? साँसें गईं और साँसें निकली ♪ बहे हवाएँ साए-साए तनहाई ने करवट बदली थक कर सोई है कहाँ पे रंगीले ख़्वाबों की तितली? बाहर बारिश, भीतर बिजली और उम्मीदें दुबली-पतली जीवन को क्या नाम दूँ बोलो? दोनों झूठे असली-नक़ली चाँद पे छाई काली बदली रात की स्याही पिघले-पिघले समय की सुइयाँ मछली-मछली हर रोज़ फ़िज़ाएँ बदले-बदले इस वजूद की परिभाषा भी पल में गहरी, पल में उथली जीवन को क्या नाम दूँ बोलो? साँसें गईं और साँसें निकली ♪ बाहर बारिश, भीतर बिजली बातें कर दो अगली-पिछली जीवन को क्या नाम दूँ बोलो? साँसें गईं और साँसें निकली ♪ बहे हवाएँ साए-साए तनहाई ने करवट बदली थक कर सोई है कहाँ पे रंगीले ख़्वाबों की तितली? बाहर बारिश, भीतर बिजली और उम्मीदें दुबली-पतली जीवन को क्या नाम दूँ बोलो? दोनों झूठे असली-नक़ली
Audio Features
Song Details
- Duration
- 03:10
- Key
- 1
- Tempo
- 120 BPM