Ghalat Fehmi - Reprise Version
Lyrics
अब सराफत नही, ये रिवायत नही बाकी हो किसी कि कदर ऐसी आदत नही बाकी ऐसा नहीं कोई है जो गलत फहमी बनी है खोया नही अपना पन, अहसास की राह चुनी है तरसती हैं निगाहे मेरी, तकती है राहे तेरी, सुन कभी आहें मेरी ये कैसे मै बताऊं तुझे सोती नही आंखे मेरी, कटती नहीं राते मेरी सच था या गलत फहमी जो ख्वाब नहीं जुड़ पाते दुख देते, जां लेते है, तरस जरा नहीं खाते
Audio Features
Song Details
- Duration
- 01:11
- Tempo
- 142 BPM