Zara Zara

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Lyrics

तड़पाएँ मुझे तेरी सभी बातें
 एक बार तू ऐ दीवानी, झूठा ही सही, प्यार तो कर
 मैं भूला नहीं हसीं मुलाक़ातें
 बेचैन करके मुझ को, मुझ से यूँ ना फ़ेर नज़र
 सर्दी की रातों में हम सोए रहे हैं चादर में
 हम दोनों तनहा हों, ना कोई भी रहे इस घर में
 ज़रा-ज़रा महकता है, बहकता है आज तो मेरा तन-बदन
 मैं प्यासा हूँ, मुझे भर ले अपनी बाँहों में
 ज़रा-ज़रा महकता है, बहकता है आज तो मेरा तन-बदन
 मैं प्यासा हूँ, मुझे भर ले अपनी बाँहों में
 ♪
 यूँ ही बरस-बरस काली घटा बरसे
 हम यार भीग जाएँ इस चाहत की बारिश में
 तेरी खुली-खुली लटों को सुलझाऊँ
 मैं अपनी उँगलियों से, मैं तो हूँ इस ख्वाहिश में
 सर्दी की रातों में हम सोए रहे हैं चादर में
 हम दोनों तनहा हों, ना कोई भी रहे इस घर में
 ज़रा-ज़रा महकता है, बहकता है आज तो मेरा तन-बदन
 मैं प्यासा हूँ, मुझे भर ले अपनी बाँहों में
 ज़रा-ज़रा महकता है, बहकता है आज तो मेरा तन-बदन
 मैं प्यासा हूँ, मुझे भर ले अपनी बाँहों में
 बाँहों में भर ले मुझ को, थोड़ा क़रीब ला
 जब करता आँखें बंद मैं, दिखती एक अप्सरा
 ना जाने क्यूँ मगर मैं दिल से दिल मिला बैठा
 जब छोड़ा तूने हाथ लगा के, सब कुछ गँवा बैठा
 साफ़-साफ़, ये साफ़ था, तेरा हर-एक गिला माफ़ था
 तस्वीरें ढूँढी परछाई में तेरी, निकला जो भी वो राख था
 क्यूँ बेचैन, परेशान हूँ? सब कुछ ये देख हैरान हूँ
 ज़रा देख पलट के पीछे तू मैं तेरी जान में छुपी वो जान हूँ
 कल तक जो तेरा होता था, आज भी वो तेरा है
 ना जाने कितनी बाँहों में होता तेरा सवेरा है
 क़िस्मत से लड़ जाऊँ या मानूँ इसको अपनी ग़लती?
 ज़रा-ज़रा महकता जिस्म भी तो तेरा है
 ज़रा-ज़रा महकता है, बहकता है आज तो मेरा तन-बदन
 मैं प्यासा हूँ, मुझे भर ले अपनी बाँहों में
 

Audio Features

Song Details

Duration
03:48
Key
2
Tempo
138 BPM

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