Falak
Lyrics
देखूँ मैं देखूँ इन बादलों की कश्तियों में भागे मन मेरा कहीं दूर चाहत है ऐसी इन बादलों की कश्तियों से उड़ जाऊँ बहकर कहीं दूर दिल की सुनता ना काहे, खोले सब उलझे धागे डर क्यूँ लगता कि करे भूल? भँवरे उठते हैं सारे, अब लागे मन ना माने रू-ब-रू सपने हैं क़ुबूल बढ़ता हूँ तेरे ओर बढ़ता हूँ तेरे ओर बढ़ता हूँ तेरे ओर बढ़ता हूँ तेरे ओर ♪ फ़लक तक उड़ता मेरा दिल के वहीं मुझे जाए सपना मिल फ़लक तक उड़ता मेरा दिल के वहीं मुझे जाए सपना मिल फ़लक तक उड़ता मेरा दिल के वहीं मुझे जाए सपना मिल-मिल जाए ♪ देखूँ मैं देखूँ ये चाँद-तारे बन के सारे भागे सवेरे से हैं दूर अंबर की ऊँची, ऊँची-ऊँची चोटियों पे चढ़ के दिखता है ऐसा नूर दिल की सुनता ना काहे, खोले सब उलझे धागे डर क्यूँ लगता कि करे भूल? भँवरे उठते हैं सारे, अब लागे मन ना माने रू-ब-रू सपने हैं क़ुबूल बढ़ता हूँ तेरे ओर बढ़ता हूँ तेरे ओर ♪ फ़लक तक उड़ता मेरा दिल के वहीं मुझे जाए सपना मिल फ़लक तक उड़ता मेरा दिल के वहीं मुझे जाए सपना मिल-मिल जाए
Audio Features
Song Details
- Duration
- 03:25
- Key
- 1
- Tempo
- 95 BPM