Yeh Shaam

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Lyrics

ये रोशनी चिराग़ है
 पन्नों पे लिखी जो बात है
 ये पढ़ के ना समझ सकूँ
 मैं क्या करूँ? हाँ, क्या करूँ?
 ये रिश्ते भी तो राख हैं
 इस शाम का क्या मिज़ाज है?
 लबों पे जो आई थी बात है
 किसे कहूँ? ये कोई सुनाए मुझे
 ♪
 अकेला था, अकेला है
 अकेला ही जाएगा कहीं
 ये शाम अकेली है, अकेली थी
 अकेली ही ढल जाएगी अभी
 ♪
 ये चार दीवारी नाम है
 आने वाला कोई तूफ़ान है
 बंजर ये ज़मीं-आसमान है
 मैं रो ना सकूँ और हँस ना सकूँ
 ये नींद भी एक ख़्वाब है
 टूटता-गिरता आज है
 कहीं दूर छिपा कोई राज़ है
 बताऊँ किसे? ये कोई बताए मुझे
 ♪
 अकेला था, अकेला है
 अकेला ही जाएगा कहीं
 ये शाम अकेली है, अकेली थी
 अकेली ही ढल जाएगी अभी
 कि तू अकेला था, अकेला है
 अकेला ही जाएगा कहीं
 ये रात अकेली है, अकेली थी
 अकेली ही डूब जाएगी अभी
 थम जाएगी यूँ ही
 रुक जाएगी अभी
 ढल जाएगी यूँ ही
 

Audio Features

Song Details

Duration
03:54
Key
7
Tempo
88 BPM

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