Yeh Lamha

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Lyrics

थकी-थकी सी शाम फिर जवाँ होने लगी
 उजालों ने चुराए हैं रात के सब निशाँ अभी-अभी
 ज़िंदगी उड़ रही बनके धुआँ-धुआँ
 कल मिलें ना मिलें, क्या पता कल कहाँ
 आ, सँवारूँ तुझे कि जी लूँ मैं ये लम्हा
 ♪
 जब यहाँ दिल से दिल मिले, फिर से प्यार की एक हवा बहे
 बाँहें फैलाए आ गए हैं मिलने को बेक़रार से
 ढूँढते-फिरते थे पाने को जिसे
 बैठे हैं पहलुओं में लेकर के किसे
 हसरतें थी किसी की, किसी के नाम हो गई
 थकी-थकी सी शाम फिर जवाँ होने लगी
 उजालों ने...
 Yeah-yeah, whoa-whoa-oh
 Hmm, yeah-eh-eh
 आसमाँ से उतरता शोर चमक रहा है पोर-पोर
 झिलमिलाती हुई, ये रात गाती हुई
 इक सुहागन सी रात ये सुहाना समाँ
 कल मिलें ना मिलें, क्या पता कल कहाँ
 आ, सँवारूँ तुझे कि जी लूँ मैं...
 ♪
 थकी-थकी सी शाम फिर जवाँ हो गई (हो गई)
 थकी-थकी सी शाम फिर जवाँ हो गई (शाम जवाँ)
 हाँ, थकी सी शाम फिर जवाँ होने लगी
 थकी-थकी, थकी-थकी, थकी
 थकी-थकी
 

Audio Features

Song Details

Duration
04:08
Key
1
Tempo
133 BPM

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