Azad
3
views
Lyrics
विचार सोच मैं करूँ तो रात ना ढले कार्य ही ऐसा करूँ सोचना पड़े राख मे उलझे हुए क़ैद सपने आज़ाद हो, आबाद हो जलते बलबले विचार सोच मैं करूँ तो रात ना ढले कार्य ही ऐसा करूँ सोचना पड़े आज़ाद आज़ाद आज़ाद आज़ाद सजाये आसमा बहार बारह-मा वश में ना रहे मेरे ये ख्वाब मनचले मैं चलूँ तो साथ-साथ ये जहां चले राख मे उलझे हुए ये क़ैद सपने आज़ाद हो, आबाद हो जलते बलबले विचार सोच मैं करूँ तो रात ना ढले कार्य ही ऐसा करूँ सोचना... सोचे के हम हैं जू-ए-रवां राहों पे यूँ बहते सफ-आराह सोचे के हम हैं कौज़-ए-कुज़ा रंग ही रंग और बाद-ओ-बरां सोचे के हम हैं जूं-ए-रवां राहों पे यूँ बहते सफ-आराह सोचे के हम हैं कौज़-ए-कुज़ा रंग ही रंग और बाद-ओ-बरां सोच से ही बनते नौ जहां इन्तेहा-ए-सोच का विचार रोज मैं करूँ राख मे उलझे हुए क़ैद सपने आबाद हो आज़ाद हो जलते बलबले विचार सोच मैं करूँ तो रात ना ढले कार्य ही ऐसा करूँ सोचना पड़े विचार सोच मैं... कार्य ही ऐसा करूँ सोचना पड़े
Audio Features
Song Details
- Duration
- 04:40
- Key
- 4
- Tempo
- 141 BPM