Zindagi

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Lyrics

पेचीदा, उलझी सी एक कहानी है
 ग़म में हो भीगी, पर फ़िर मुस्कुराती
 कभी कोई आता, कभी कोई जाता है
 ना जाने कितने क़र्ज़े ये चुकाता
 कभी बोलती है, ये कभी छुपाती
 हज़ारों ख़्वाहिशें ये रोज़ जलाती
 कभी चलते-चलते ये भटकाती
 कभी भटके को ये राह दिखाती
 ख़ुदा की कोई लौ है जो जलती ही जाती है
 ज़िंदगी यूँ है कि चलती ही जाती
 ज़िंदगी यूँ है कि चलती ही जाती है
 ज़िंदगी यूँ है कि चलती ही जाती
 ज़िंदगी यूँ है कि चलती ही जाती है
 ज़िंदगी यूँ है कि चलती ही जाती है
 अगले right से थोड़ा आगे जाके left ले-ले
 देख life उधर इच पलटी मारेगी
 ♪
 कभी लम्हों की ये चुस्कियाँ लगाती
 कभी गाने, कभी सिसकियाँ सुनाती
 आती, समझ बड़ी देर से आती है
 सीधी लिखी है, पर बुद्धू बनाती
 ख़ाली लिफ़ाफ़ा, कभी पूरी चिट्ठी
 कभी पूरा घर, कभी मलबा और मिट्टी
 कभी ख़ुद से मन में ये राम बसाती
 कभी आईने में ये रावन दिखाती
 ख़ुदा की कोई लौ है जो जलती ही जाती है
 ज़िंदगी यूँ है कि चलती ही जाती
 ज़िंदगी यूँ है कि चलती ही जाती है
 ज़िंदगी यूँ है कि चलती ही जाती
 ज़िंदगी यूँ है कि चलती ही जाती है
 ज़िंदगी यूँ है कि चलती ही जाती है
 ♪
 कभी जैसे पीढ़ी, कभी ये जवानी है
 मौत तो मौत, सभी को है आनी
 रंगों की तितली हथेली पे लानी है
 ज़िंदगी ईद के जैसी मनानी
 ज़िंदगी ईद के जैसी मनानी
 ज़िंदगी ईद के जैसी मनानी है
 ज़िंदगी ईद के जैसी मनानी
 ज़िंदगी ईद के जैसे मनानी है
 ♪
 जैसे अम्मा छत पे कैरी सुखाती है
 जितनी पुरानी हो उतनी सुहाती
 इसका ना धर्म, ना कोई भी जाति
 ये साँस है दीया, धड़कन इसकी बाती
 ग़म घर छोड़ के जब चला जाता
 तभी ख़ुशी ये तुझ पे हक़ जताती
 ख़ुदा की कोई लौ है जो जलती ही जाती
 ज़िंदगी यूँ है कि चलती ही जाती
 ज़िंदगी यूँ है कि चलती ही जाती
 ज़िंदगी यूँ है कि चलती ही जाती
 ज़िंदगी यूँ है कि चलती ही जाती है
 ज़िंदगी यूँ है कि चलती ही जाती है
 ज़िंदगी यूँ है कि चलती ही जाती
 ज़िंदगी यूँ है कि चलती ही जाती
 ज़िंदगी यूँ है कि चलती ही जाती
 ज़िंदगी यूँ है कि चलती ही जाती है
 

Audio Features

Song Details

Duration
04:54
Key
7
Tempo
129 BPM

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