Shiv Aarti
5
views
Lyrics
ॐ जय शिव ओंकारा स्वामी हर शिव ओंकारा ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा (ॐ जय शिव ओंकारा) एकानन चतुरानन, पञ्चानन राजे (स्वामी पञ्चानन राजे) हंसासन गरूड़ासन (हंसासन गरूड़ासन) वृषवाहन साजे (ॐ जय शिव ओंकारा) दो भुज चारो चतुर्भुज दसभुज से सोहे(स्वामी दसभुज से सोहे) तीनों रूप निरखते (तीनों रूप निरखते) त्रिभुवन जन मोहे (ॐ जय शिव ओंकारा) अक्षमाला वनमाला, मुण्डमाला धारी (स्वामी मुण्डमाला धारी) चन्दन मृगमद सोहे (चन्दन मृगमद सोहे) भाले शशि धारी (ॐ जय शिव ओंकारा) श्वेताम्बर, पीताम्बर, बाघम्बर अंगे (स्वामी बाघम्बर अंगे) सनकादिक ब्रह्मादिक (सनकादिक ब्रह्मादिक) भूतादिक संगे (ॐ जय शिव ओंकारा) कर में श्रेष्ठ कमण्डल, चक्र त्रिशूलधर्ता (स्वामी चक्र त्रिशूलधर्ता) जगकर्ता जग हरता (जगकर्ता जग हरता) जगपालन करता (ॐ जय शिव ओंकारा) ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव जानत अविवेका (स्वामी जानत अविवेका) प्रनाबाच्क्षर में शोभित (प्रनाबाच्क्षर में शोभित) ये तीनों एका (ॐ जय शिव ओंकारा) निर्गुण शिव की आरति जो कोइ नर गावे (स्वामी जो कोइ नर गावे) कहत शिवानन्द स्वामी (कहत शिवानन्द स्वामी) मनवान्छित फल पावे (ॐ जय शिव ओंकारा) (ॐ जय शिव ओंकारा, प्रभु हर शिव ओंकारा) (ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव) (ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा) (ॐ जय शिव ओंकारा)
Audio Features
Song Details
- Duration
- 05:26
- Key
- 3
- Tempo
- 88 BPM