Bas Yahan
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Lyrics
ये रात की नज़ाकत है क्या चाँद की ये हरक़त है? ये सुकून है ख़ास तुझसे हूँ दूर, खुदके हूँ मैं पास क्यूँ आँखों में है नमी? क्यूँ महसूस ना हो तेरी कमी? तारे और रातें जो मेरे साथ है यहाँ साँसों की आवाज़ें, कुछ अल्फ़ाज़े यहाँ, बस यहाँ क्या पहचान है मेरी? क्या खूबी? क्या ख़ामी है मेरी? क्या ग़लत और क्या है सही? सवाल है बहुत, पर जवाब नहीं ना जानूँ किस मोड़ अब मैं चलूँ शायद यूँ परियों से आ मिलूँ तारे और रातें जो मेरे साथ है यहाँ साँसों की आवाज़ें, कुछ अल्फ़ाज़े यहाँ, बस यहाँ
Audio Features
Song Details
- Duration
- 03:06
- Key
- 4
- Tempo
- 125 BPM