Ghar

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Lyrics

कभी मेरे घर की दहलीज़ पे
 जो तुम कदम रखोगे
 तो सीलन लगी कच्ची दीवारों पे
 खुद को देख के चौकना नहीं
 हाँ, चौकना नहीं
 तुम्हारे जाने के बाद कोई इन्हें रंगने आया नहीं
 तुम्हारे जाने के बाद कोई इन्हें रंगने आया नहीं
 ♪
 खोने में टूटा सा फूलदान
 बिस्तर पे बिखरी किताबें
 चादर की वो तीखी सी सिलवटें
 यादों की चुभती दरारें
 सोचा था कोई सवार देगा
 गम में मुझे बहार देगा
 तुम्हारे जाने के बाद कोई भी दस्तक हुई ही नहीं
 तुम्हारे जाने के बाद कोई भी दस्तक यहाँ हुई ही नहीं
 ♪
 सुना है वो गालों पे भवर लिए
 चलती है नंगे पाँव आँखों में सहर लिए
 सूरज बुझे तो यहाँ भी आना
 फ़ासलों में तुम खो ना जाना
 कभी तो भुले से तुम
 मेरे इस घर को महकाना
 कभी तो भुले से तुम
 मेरे इस घर को महकाना
 
 कभी मेरे घर की दहलीज़ पे
 जो तुम कदम रखोगे
 तो सीलन लगी कच्ची दीवारों पे
 खुद को देख के चौकना नहीं
 हाँ, चौकना नहीं
 तुम्हारे जाने के बाद कोई इन्हें रंगने आया नहीं
 तुम्हारे जाने के बाद कोई इन्हें रंगने आया नहीं
 ♪
 खोने में टूटा सा फूलदान
 बिस्तर पे बिखरी किताबें
 चादर की वो तीखी सी सिलवटें
 यादों की चुभती दरारें
 सोचा था कोई सवार देगा
 गम में मुझे बहार देगा
 तुम्हारे जाने के बाद कोई भी दस्तक हुई ही नहीं
 तुम्हारे जाने के बाद कोई भी दस्तक यहाँ हुई ही नहीं
 ♪
 सुना है वो गालों पे भवर लिए
 चलती है नंगे पाँव आँखों में सहर लिए
 सूरज बुझे तो यहाँ भी आना
 फ़ासलों में तुम खो ना जाना
 कभी तो भुले से तुम
 मेरे इस घर को महकाना
 कभी तो भुले से तुम
 मेरे इस घर को महकाना
 
 कभी मेरे घर की दहलीज़ पे
 जो तुम कदम रखोगे
 तो सीलन लगी कच्ची दीवारों पे
 खुद को देख के चौकना नहीं
 हाँ, चौकना नहीं
 तुम्हारे जाने के बाद कोई इन्हें रंगने आया नहीं
 तुम्हारे जाने के बाद कोई इन्हें रंगने आया नहीं
 ♪
 खोने में टूटा सा फूलदान
 बिस्तर पे बिखरी किताबें
 चादर की वो तीखी सी सिलवटें
 यादों की चुभती दरारें
 सोचा था कोई सवार देगा
 गम में मुझे बहार देगा
 तुम्हारे जाने के बाद कोई भी दस्तक हुई ही नहीं
 तुम्हारे जाने के बाद कोई भी दस्तक यहाँ हुई ही नहीं
 ♪
 सुना है वो गालों पे भवर लिए
 चलती है नंगे पाँव आँखों में सहर लिए
 सूरज बुझे तो यहाँ भी आना
 फ़ासलों में तुम खो ना जाना
 कभी तो भुले से तुम
 मेरे इस घर को महकाना
 कभी तो भुले से तुम
 मेरे इस घर को महकाना
 
 कभी मेरे घर की दहलीज़ पे
 जो तुम कदम रखोगे
 तो सीलन लगी कच्ची दीवारों पे
 खुद को देख के चौकना नहीं
 हाँ, चौकना नहीं
 तुम्हारे जाने के बाद कोई इन्हें रंगने आया नहीं
 तुम्हारे जाने के बाद कोई इन्हें रंगने आया नहीं
 ♪
 खोने में टूटा सा फूलदान
 बिस्तर पे बिखरी किताबें
 चादर की वो तीखी सी सिलवटें
 यादों की चुभती दरारें
 सोचा था कोई सवार देगा
 गम में मुझे बहार देगा
 तुम्हारे जाने के बाद कोई भी दस्तक हुई ही नहीं
 तुम्हारे जाने के बाद कोई भी दस्तक यहाँ हुई ही नहीं
 ♪
 सुना है वो गालों पे भवर लिए
 चलती है नंगे पाँव आँखों में सहर लिए
 सूरज बुझे तो यहाँ भी आना
 फ़ासलों में तुम खो ना जाना
 कभी तो भुले से तुम
 मेरे इस घर को महकाना
 कभी तो भुले से तुम
 मेरे इस घर को महकाना
 

Audio Features

Song Details

Duration
05:05
Key
1
Tempo
156 BPM

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