Muddat

6 views

Lyrics

मुद्दत हुई है यार के पहलू में बैठे हुए
 मुद्दत हुई है उनकी आँखों में डूबे हुए
 फिर भी ना जाने क्यूँ उन के होंठों की हँसी
 ज़रा सी मेरे होंठों पे है
 उनके बालों की ख़ुशी
 ज़रा सी मेरे हाथों से लिपटी सी है
 हम तो घुटनों को सीने से लगाए सोते हैं
 और वो गैरों की बाँहों में ही होते हैं
 जिन्हें वो अपना कहते हैं
 ♪
 मेरे ख़ुदा जब मैं तेरे दर पे आऊँ
 इतना करना, मैं मोहब्बत की छाँव पाऊँ
 ता-उम्र जलूँगा मैं उसकी चाह में
 ख़ाक हो चलूँगा मैं उसकी राह में
 आख़िर दूरियों में ही हम दोनों ही जलाए जाएँगे
 मुद्दत हुई है यार के पहलू में बैठे हुए
 मुद्दत हुई है उन की आँखों में डूबे हुए
 फिर भी ना जाने क्यूँ उन के होंठों की हँसी
 ज़रा सी मेरे होंठों पे है
 उन के बालों की ख़ुशी
 ज़रा सी मेरे हाथों से लिपटी सी है
 
 मुद्दत हुई है यार के पहलू में बैठे हुए
 मुद्दत हुई है उनकी आँखों में डूबे हुए
 फिर भी ना जाने क्यूँ उन के होंठों की हँसी
 ज़रा सी मेरे होंठों पे है
 उनके बालों की ख़ुशी
 ज़रा सी मेरे हाथों से लिपटी सी है
 हम तो घुटनों को सीने से लगाए सोते हैं
 और वो गैरों की बाँहों में ही होते हैं
 जिन्हें वो अपना कहते हैं
 ♪
 मेरे ख़ुदा जब मैं तेरे दर पे आऊँ
 इतना करना, मैं मोहब्बत की छाँव पाऊँ
 ता-उम्र जलूँगा मैं उसकी चाह में
 ख़ाक हो चलूँगा मैं उसकी राह में
 आख़िर दूरियों में ही हम दोनों ही जलाए जाएँगे
 मुद्दत हुई है यार के पहलू में बैठे हुए
 मुद्दत हुई है उन की आँखों में डूबे हुए
 फिर भी ना जाने क्यूँ उन के होंठों की हँसी
 ज़रा सी मेरे होंठों पे है
 उन के बालों की ख़ुशी
 ज़रा सी मेरे हाथों से लिपटी सी है
 

Audio Features

Song Details

Duration
04:14
Tempo
170 BPM

Share

More Songs by Bharat Chauhan

Albums by Bharat Chauhan

Similar Songs