Sham - Lofi Flip

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Lyrics

शाम भी कोई जैसे है नदी, लहर-लहर जैसे बह रही है
 कोई अनकही, कोई अनसुनी बात धीमे-धीमे कह रही है
 कहीं ना कहीं जागी हुई है कोई आरज़ू
 कहीं ना कहीं खोए हुए से हैं मैं और तू
 (कि boom-boom-boom, paa-raa, paa-raa)
 हैं ख़ामोश दोनों
 (कि boom-boom-boom, paa-raa, paa-raa)
 हैं मदहोश दोनों
 जो गुमसुम-गुमसुम हैं ये फ़िज़ाएँ...
 जो कहती, सुनती हैं ये निगाहें
 गुमसुम-गुमसुम हैं ये फिज़ाएँ, हैं ना?
 ♪
 सुहानी-सुहानी है ये कहानी जो ख़ामोशी सुनाती है
 "जिसे तुने चाहा, होगा वो तेरा," मुझे वो ये बताती है
 मैं मगन हूँ पर ना जानूँ कब आनेवाला है वो पल
 जब हौले-हौले, धीरे-धीरे खिलेगा दिल का ये कँवल
 (कि boom-boom-boom, paa-raa, paa-raa)
 हैं ख़ामोश दोनों
 (कि boom-boom-boom, paa-raa, paa-raa)
 हैं मदहोश दोनों
 जो गुमसुम-गुमसुम है ये फ़िज़ाएँ...
 जो कहती, सुनती हैं ये निगाहें
 गुमसुम-गुमसुम हैं ये फिज़ाएँ, हैं ना?
 ये कैसा समय है, कैसा समाँ है कि शाम है पिघल रही
 ये सब कुछ हसीं है, सब कुछ जवाँ है, है ज़िन्दगी मचल रही
 जगमगाती, झिलमिलाती पलक-पलक पे ख़्वाब है
 सुन ये हवाएँ गुनगुनाएँ, जो गीत लाजवाब है
 (कि boom-boom-boom, paa-raa, paa-raa)
 (हैं ख़ामोश दोनों)
 (कि boom-boom-boom, paa-raa, paa-raa)
 हैं मदहोश दोनों
 जो गुमसुम-गुमसुम हैं ये फ़िजाएँ...
 जो कहती, सुनती हैं ये निगाहें
 गुमसुम-गुमसुम हैं ये फ़िजाएँ, हैं ना?
 

Audio Features

Song Details

Duration
04:20
Key
1
Tempo
108 BPM

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