Aakhri Salaam
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Lyrics
खोके वो हस्ती, वो निशाँ जिनके सवालों में छोड़ी वो रस्में, वो मकाम गुज़रे थे कितने सुब्ह-ओ-शाम जिनके ख़यालों में बस आख़िरी उनको सलाम जानूँ ना माजरा वही है मेहमाँ यहाँ हर कोई ढूँढूँ मैं अपना कोई जागा जो सपना वही ढूँढे जो ख़ुद को है नादान मंदिर-मज़ारों में मैं काफ़िर, मैं बदज़ुबान क़िस्से हुए कितने तमाम दिल के किनारों में दिल बुज़दिल, दिल बेईमान जानूँ ना माजरा वही है मेहमाँ यहाँ हर कोई ढूँढूँ मैं अपना कोई जागा जो सपना वही ♪ जानूँ ना माजरा वही है मेहमाँ यहाँ हर कोई ढूँढूँ मैं अपना कोई जागा जो सपना वही क़िस्से हुए कितने तमाम दिल के किनारों में दिल बुज़दिल, दिल बेईमान ढूँढे जो ख़ुद को है नादान मंदिर-मज़ारों में मैं काफ़िर, मैं बदज़ुबान ♪ (बदले हैं हर पल, मौसम मिला वही) (लापता क्यूँ फिर तू बादल कोई?) बदले हैं हर पल, मौसम मिला वही लापता क्यूँ फिर तू बादल कोई? बदले हैं हर पल, मौसम मिला वही (बस आख़िरी उनको सलाम) लापता क्यूँ फिर तू बादल कोई? (बस आख़िरी उनको सलाम) क़िस्से हुए कितने तमाम (बदले हैं हर पल, मौसम मिला वही) दिल बुज़दिल, दिल बेईमान (लापता क्यूँ फिर तू बादल कोई?) बस आख़िरी उनको सलाम (बदले हैं हर पल, मौसम मिला वही) बस आख़िरी उनको सलाम (लापता क्यूँ फिर तू बादल कोई?) खोके वो हस्ती, वो निशाँ जिनके सवालों में छोड़ी वो रस्में, वो मकाम गुज़रे थे कितने सुब्ह-ओ-शाम जिनके ख़यालों में बस आख़िरी उनको सलाम जानूँ ना माजरा वही है मेहमाँ यहाँ हर कोई ढूँढूँ मैं अपना कोई जागा जो सपना वही ढूँढे जो ख़ुद को है नादान मंदिर-मज़ारों में मैं काफ़िर, मैं बदज़ुबान क़िस्से हुए कितने तमाम दिल के किनारों में दिल बुज़दिल, दिल बेईमान जानूँ ना माजरा वही है मेहमाँ यहाँ हर कोई ढूँढूँ मैं अपना कोई जागा जो सपना वही ♪ जानूँ ना माजरा वही है मेहमाँ यहाँ हर कोई ढूँढूँ मैं अपना कोई जागा जो सपना वही क़िस्से हुए कितने तमाम दिल के किनारों में दिल बुज़दिल, दिल बेईमान ढूँढे जो ख़ुद को है नादान मंदिर-मज़ारों में मैं काफ़िर, मैं बदज़ुबान ♪ (बदले हैं हर पल, मौसम मिला वही) (लापता क्यूँ फिर तू बादल कोई?) बदले हैं हर पल, मौसम मिला वही लापता क्यूँ फिर तू बादल कोई? बदले हैं हर पल, मौसम मिला वही (बस आख़िरी उनको सलाम) लापता क्यूँ फिर तू बादल कोई? (बस आख़िरी उनको सलाम) क़िस्से हुए कितने तमाम (बदले हैं हर पल, मौसम मिला वही) दिल बुज़दिल, दिल बेईमान (लापता क्यूँ फिर तू बादल कोई?) बस आख़िरी उनको सलाम (बदले हैं हर पल, मौसम मिला वही) बस आख़िरी उनको सलाम (लापता क्यूँ फिर तू बादल कोई?) खोके वो हस्ती, वो निशाँ जिनके सवालों में छोड़ी वो रस्में, वो मकाम गुज़रे थे कितने सुब्ह-ओ-शाम जिनके ख़यालों में बस आख़िरी उनको सलाम जानूँ ना माजरा वही है मेहमाँ यहाँ हर कोई ढूँढूँ मैं अपना कोई जागा जो सपना वही ढूँढे जो ख़ुद को है नादान मंदिर-मज़ारों में मैं काफ़िर, मैं बदज़ुबान क़िस्से हुए कितने तमाम दिल के किनारों में दिल बुज़दिल, दिल बेईमान जानूँ ना माजरा वही है मेहमाँ यहाँ हर कोई ढूँढूँ मैं अपना कोई जागा जो सपना वही ♪ जानूँ ना माजरा वही है मेहमाँ यहाँ हर कोई ढूँढूँ मैं अपना कोई जागा जो सपना वही क़िस्से हुए कितने तमाम दिल के किनारों में दिल बुज़दिल, दिल बेईमान ढूँढे जो ख़ुद को है नादान मंदिर-मज़ारों में मैं काफ़िर, मैं बदज़ुबान ♪ (बदले हैं हर पल, मौसम मिला वही) (लापता क्यूँ फिर तू बादल कोई?) बदले हैं हर पल, मौसम मिला वही लापता क्यूँ फिर तू बादल कोई? बदले हैं हर पल, मौसम मिला वही (बस आख़िरी उनको सलाम) लापता क्यूँ फिर तू बादल कोई? (बस आख़िरी उनको सलाम) क़िस्से हुए कितने तमाम (बदले हैं हर पल, मौसम मिला वही) दिल बुज़दिल, दिल बेईमान (लापता क्यूँ फिर तू बादल कोई?) बस आख़िरी उनको सलाम (बदले हैं हर पल, मौसम मिला वही) बस आख़िरी उनको सलाम (लापता क्यूँ फिर तू बादल कोई?)
Audio Features
Song Details
- Duration
- 04:37
- Key
- 4
- Tempo
- 174 BPM